संतों की भूमि यह संतों के नाम-27-Oct-2022
*प्रतियोगिता*
संतों की भूमि यह संतों के नाम।
संतो से संतभूमि हो रही बदनाम।
1
सतयुग से सदा रहे संत सतगामी।
कलियुग में कपटी हुये क्रूर कामी।
ईश्वर के भक्त स्वयं ईश्वर बने हैं।
चोटी से ऐडी तक पाप में सने हैं।
मंदिर की ओट में महफ़िल व जाम।
2
कहते हैं माया है साथ नहीं जाये।
माया से माया के महल हैं बनाये।
खुद भूले भ्रम में अरू देते उपदेश हैं।
कालनेमि बना बैठे बाबा का भेष हैं।
जैसी है करनी है बैसा परिणाम।
3
ईश्वर के दास नहीं उनके दलाल हैं।
भगवन के भक्तों को करते हलाल हैं।
बन्दे की गन्दगी में बन्दे हैं अंधे ।
इसीलिए ढोंगियों के चलते हैं धंधे।
ढोंगियों के ढोंग पर लगे अब लगाम।
4
धरती है राम श्याम बीर महाबीर की ।
तुलसी रहीम सूर नानक कबीर की ।
विनोदी विमल न फंसो इनके खेल में।
खोज खोज भेजिये इन सबको जेल में।
अपनी तो दूर सेे है इन्हें राम राम ।
विनोदी महाराजपुर
Khan
28-Oct-2022 12:19 PM
Bahut khoob 💐🙏
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Swati chourasia
28-Oct-2022 10:29 AM
वाह बहुत ही बेहतरीन रचना 👌👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
28-Oct-2022 08:23 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
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